निवेश का सही रास्ता है म्यूचुअल फंड्स, बना सकतें है यहाँ भी कैरियर

रुपए कमाना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है कि बचत का निवेश सही तरीके से किया जाना। म्यूचुअल फंड्स वह रास्ता है जो शेयर बाजार के लाभ हम तक पहुंचाने में मदद करते हैं।

लिक्विड फंड

  • इस फंड को "बैंक के बचत खाते" जैसा कह सकते हैं, रिटर्न बचत खाते से करीब 2-3 फीसदी बेहतर होता है। (स्टेट बैंक बचत खाते की ब्याज दर 2.7 फीसदी सालाना है)
  • निवेश, 100 फीसदी शासकीय बांड्स में होता है, इसलिए निवेशित राशि कभी कम नहीं होती।
  • अपनी रकम कभी भी निकाल सकते। (दोपहर 12:30 से पहले प्रोसेस करने पर दूसरे दिन, निवेशक के खाते में पैसा आ जाता है, शनिवार, रविवार छुट्टी ) जिस बचत खाते से निवेश होता है, रकम उसी खाते में वापस जाएगी। (कैश लेन-देन नहीं होता)

डेट फंड

  • यह बैंक के फिक्स डिपाजिट जैसा होता है। रिटर्न करीब बैंक एफ डी ब्याज दर से 1-1.5 फीसदी ज्यादा होता है (स्टेट बैंक फिक्स डिपॉजिट ब्याज दर 6.8 फीसदी है, हर माह 10 फीसदी इनकम टैक्स कटता है, निवेशक को 6.15 फीसदी मिलता है)
  • राशि निकालने की प्रक्रिया लिक्विड फंड जैसे ही है अर्थात दूसरे दिन खाते में राशि आएगी।
  • इस फंड में निवेश 90 फीसदी गार्नमेंट बांड, कोर्पोरेट बांड, में होता है, 10 फीसदी शेयर में निवेश होता है इसलिए रिटर्न, "लिक्विड फंड से बेहतर मिलते हैं। "

इक्विटी फंड

  • यह फंड निवेशकों को पैसा बना कर देता है।
  • इसमें ज्यादातर निवेश मार्केट में होता है, जिससे बहुत अच्छे रिटर्न बनते हैं।
  • 35 से 100 अच्छी कम्पनियों के शेयरों में निवेश किया जाता है, यदि 4-5 कम्पनी के शेयरों में गिरावट होती है, तो बाकी कम्पनियों के शेयर, निवेशकों की रकम नीचे जाने नहीं देते।
  • पिछले 40 सालों के रिकार्ड देखें, तो 3 से 5 साल के लिए निवेश करने पर, कम से कम 18-20 फीसदी रिटर्न मिलते हैं, लम्बी अवधि के निवेश पर आश्चर्यजनक तरीके से, निवेश में वृद्धि होती है।
  • कोविड काल के निवेशकों की राशि, डेढ़-, दो साल में डबल से ज्यादा हो गई।
  • लक्ष्य आधारित निवेश बहुत ही लाभदायक होते हैं,
  • जैसे-रिटायरमेंट प्लानिंग, बच्चों की उच्च शिक्षा खर्च, बच्चों की शादी का खर्च, बड़ी गाड़ी खरीदना, घर बनाना आदि के लिए इस तरह निवेश समय रहते कर देने चाहिए।
  • रातों रात किसी चमत्कार की आशा नहीं करनी चाहिए और शेयर बाजार के झटकों से घबराकर निवेश रोकना नहीं चाहिए। एस आई पी द्वारा नियमित निवेश करें और रुककर जब लाभ हो तभी रूपये निकाले।

 

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