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खनन के नाम पर करोड़ों की लूट! संजय पाठक से जुड़ी कंपनियों पर 520 करोड़ की वसूली.

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कटनी में संजय पाठक से जुड़ी खनन कंपनियों पर 520 करोड़ का अवैध उत्खनन घोटाला

Loot in the Name of Mining! Companies Linked to Sanjay Pathak Face ₹520 Crore Recovery.

Special Correspondent, Bhopal, MP Samwad.

A major mining scam unfolds in Katni! Companies linked to BJP MLA Sanjay Pathak face ₹520 crore recovery for illegal iron ore extraction and GST evasion. Satellite data and IBM reports reveal large-scale violations. The case exposes deep-rooted corruption in the mining and forest sectors. Investigation still underway.

MP संवाद, कटनी। मध्य प्रदेश सरकार तीन खनन कंपनियों से 520 करोड़ रुपये वसूलने की तैयारी में है, जो भाजपा विधायक संजय पाठक से जुड़ी हुई हैं। इनमें से 440 करोड़ रुपये स्वीकृत खनन सीमा से अधिक लौह अयस्क के अवैध उत्खनन से संबंधित हैं, जबकि शेष 80 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जीएसटी चोरी के लिए जुर्माने के रूप में जोड़ी गई है।

रिपोर्ट में सामने आया बड़ा खुलासा

खनिज संसाधन विभाग की एक रिपोर्ट में बताया गया कि निर्मला मिनरल्स, आनंद माइनिंग और पैसिफिक एक्सपोर्ट ने अपनी घोषित खनन योजनाओं और पर्यावरणीय अनुमतियों से कई गुना अधिक खनन किया है। इन कंपनियों की खदानें जबलपुर के सिहोरा तहसील के दुबियारा (32.3 हेक्टेयर), घुघरी (8.6 हेक्टेयर), प्रतापपुर (11.5 हेक्टेयर), अगरिया (20.2 हेक्टेयर) और टिकरिया (26 हेक्टेयर) क्षेत्रों में स्थित थीं।

जनवरी में हुई शिकायत के बाद सक्रिय हुआ प्रशासन

जनवरी 2025 में व्हिसल ब्लोअर आशुतोष उर्फ मनु दीक्षित द्वारा की गई शिकायत के बाद मामले की जांच शुरू हुई। अप्रैल में खनिज विभाग के प्रमुख सचिव ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। इस टीम ने उपग्रह चित्रों, आईबीएम आंकड़ों और स्थलीय सर्वेक्षण की मदद से अनियमितताओं की पुष्टि की।

गायब हुईं फाइलें, फर्जीवाड़े की परतें खुलीं

जांच के दौरान कई कार्यालयों से महत्वपूर्ण फाइलें गायब पाई गईं। जांच दल का कहना है कि यदि वन क्षेत्रों, रॉयल्टी चोरी और अन्य बिंदुओं की गहराई से जांच हो तो कटनी-जबलपुर क्षेत्र में 8000 से 10000 करोड़ रुपये तक का अवैध खनन घोटाला सामने आ सकता है।

जबलपुर कलेक्टर ने शुरू की वसूली की प्रक्रिया

राजस्व विभाग ने जबलपुर कलेक्टर स्तर पर वसूली प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं, जीएसटी और टैक्स चोरी से जुड़े विभाग भी अपना अंतिम मूल्यांकन कर रहे हैं।

अब अगला चरण: वन क्षेत्रों की जांच

फिलहाल जांच स्वीकृत सीमा से अधिक खनन पर केंद्रित है। लेकिन अगले चरण में वन भूमि और अनधिकृत क्षेत्रों में अवैध खनन की जांच भी प्रस्तावित है। सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के बाद अब राज्य भर में खनन का उपग्रह मानचित्रण किया जा रहा है, जिससे अन्य जिलों में भी घोटालों का खुलासा हो सकता है।

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