जबलपुर कलेक्टर के आदेश की एसडीएम व तहसीलदार ने उड़ाई धज्जियां, दोनों सस्पेंड

Jabalpur Collector’s order flouted by SDM and Tehsildar

जबलपुर में कलेक्टर के आदेश पर सील हुई पटाखा दुकानों को एसडीएम और तहसीलदार ने खुलवाया. उनकी अभी जांच भी पूरी नहीं हो पाई थी. लापरवाही बरतने पर एसडीएम और तहसीलदार को निलंबित किया गया.

मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में एसडीएम को निलंबित करने का मामला सामने आया है. एसडीएम पुष्पेंद्र अहाके पर पटाखा व्यापारियों को अनिश्चित लाभ पहुंचाने का आरोप है. एसडीएम पर आरोप है कि उन्होंने कलेक्टर दीपक सक्सेना के आदेश के विपरीत जाकर पटाखा व्यापारियों की सील की गई दुकानों को खोल दिया. जिसकी वजह से पटाखा व्यापारियों को अपने स्टॉक को इधर-उधर करने में मदद मिल गई. मामले को लेकर तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे को भी निलंबित किया गया है.

संभागीय कमिश्नर अभय वर्मा के मुताबिक, अनुविभागीय राजस्व अधिकारी (एसडीएम) अधारताल पुष्पेन्द्र अहाके एवं तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे को शासकीय कर्तव्यों के निर्वहन में गंभीर लापरवाही बरतने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. संभागायुक्त ने यह कार्रवाई कलेक्टर दीपक सक्सेना से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर की है. बता दें कि पिछले दिनों हरदा की घटना के बाद जबलपुर शहर के कठौंदा स्थित बारहमासी पटाखा संग्रहण एवं विक्रय दुकानों के स्टॉक रजिस्टर का संधारण नहीं होने पर कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा उन्हें सील करने के निर्देश दिए गए थे.

जांच पूरी हुए बिना ही खुलवा दीं दुकानें
लेकिन अनुविभागीय राजस्व अधिकारी अधारताल ने स्टॉक का सत्यापन किए बगैर तथा सक्षम स्वीकृति प्राप्त किए बिना सील की गई दुकानें खुलवा दी थीं. हरदा हादसे के बाद जिला प्रशासन ने थोक पटाखा बाजार की दुकानें सील की थी. बिना पूरी जांच किए एसडीएम और तहसीलदार ने पटाखा बाजार की दुकानों की सील को खोल दिया. जबकि इन दुकानों के स्टॉक में भी कमी मिली थी. इन दुकानों की सील पूरी जांच और स्टॉक रजिस्टर से मिलान के बाद खोली जानी थी.

एसडीएम पुष्पेंद्र अहाके और तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे के निलंबन आदेश में कहा गया है कि यह शासन एवं वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों का उल्लंघन व शासकीय कर्तव्यों के निर्वहन में गंभीर लापरवाही है. इसमें अभी माना गया है कि दोनों अधिकारियों ने पटाखा व्यापारियों को अपने अवैध स्टॉक को इधर-उधर करने में मदद की है. शासन के नियमों एवं निर्देशों के विपरीत कार्रवाई की गई. जिसकी वजह से दोनों का निलंबन किया गया है.

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