

Vidisha’s Muslim Festival Committee welcomes Holi with flowers: 'Our city is a canvas of love,' says President Sohail Babul.
Holi with Flowers, Jumu’ah with Prayers: Vidisha Shows the World ‘The Color of Love.
Special Correspondent, Bhopal, MP Samwad.
Vidisha, Madhya Pradesh, showcased unparalleled communal harmony as Muslims welcomed Holi revellers with flowers during Jumu’ah prayers. The historic city, symbolizing Hindu-Muslim unity, proved festivals transcend religion when celebrated with mutual respect. A national inspiration!
मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक शहर विदिशा एक बार फिर देशभर में गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल बनकर उभरा है। इस साल होली और जुमा की नमाज़ के एक ही दिन पड़ने के बावजूद यहां अमन और भाईचारे का वो नज़ारा देखने को मिला, जो आज के दौर में समाज के लिए प्रेरणा बन गया।
“नमाज़ भी अदा की, होली के रंग भी अपनाए”
विदिशा मुस्लिम त्यौहार कमेटी के अध्यक्ष सोहेल बबलू ने इस अनूठे सामंजस्य पर कहा, “हमारा शहर हमेशा से सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक रहा है। आज जुमा की नमाज़ भी पूरी श्रद्धा से अदा की गई और होली के जुलूस को फूलों से स्वागत करके दिखाया कि विदिशा का दिल हर रंग में डूबा हुआ है।”
कैसे मनाया गया त्योहारों का साथ?
- फूलों की बरसात से होली जुलूस का स्वागत: मुस्लिम समुदाय ने शहर के मुख्य मार्गों पर होली के जुलूस को गुलाब और गेंदे के फूल बरसाकर स्वागत किया।
- शांतिपूर्ण नमाज़ अदा: जुमा की नमाज़ के दौरान शहर में कहीं भी तनाव की स्थिति नहीं बनी, बल्कि दोनों समुदायों ने एक-दूसरे के त्योहारों का सम्मान किया।
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: विदिशा सदियों से हिंदू-मुस्लिम एकता का केंद्र रहा है। यहां बुद्ध, जैन और इस्लामिक स्थापत्य कला के नमूने आज भी इस साझा विरासत की गवाही देते हैं।
क्यों खास है यह घटना
देश के कई हिस्सों में होली और जुमा नमाज़ के एक साथ पड़ने पर तनाव की ख़बरें आती रही हैं, लेकिन विदिशा ने यह साबित किया कि “त्योहार धर्म नहीं, इंसानियत का संदेश देते हैं”। यहां के लोगों ने साबित किया कि सांप्रदायिक सद्भाव कोई नारा नहीं, बल्कि जीवन का तरीका हो सकता है।