

Gwalior police’s shocking fake witness scam exposed! Investigation reveals repeated witnesses in 507 cases for financial gain.
507 Cases, Same Witness! Gwalior Police’s ‘Witness Racket’ Exposed.
So, NDTV MPCG Edited By MP Samwad.
A shocking revelation in Gwalior! Police allegedly presented fake witnesses in 507 criminal cases. Some witnesses appeared in over 100 cases. Reports suggest these “fixed witnesses” were created for financial gain. Authorities now plan stricter actions to prevent such manipulations in legal proceedings.
MP ग्वालियर जिले में पुलिस थानों से फर्जी गवाहों को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, जिले के लगभग सभी थानों में सैकड़ों मामलों में एक ही व्यक्ति को बार-बार गवाह बनाया गया है। कुछ गवाह ऐसे भी हैं जो 100 से अधिक मामलों में आधिकारिक गवाह के रूप में दर्ज हैं।
507 आपराधिक मामलों में पुलिस ने पेश किए खुद के गवाह
पिछले तीन वर्षों में ग्वालियर पुलिस ने 507 आपराधिक मामलों में अपने बनाए हुए गवाहों को कोर्ट में पेश किया। हर थाने में पहले से ही कुछ तयशुदा गवाह मौजूद होते हैं, जिनका नाम एफआईआर में दर्ज कर लिया जाता है, बिना उन्हें बुलाए ही। बाद में उन्हें घटना की कहानी समझाकर झूठी गवाही दिलाई जाती है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान एक पक्ष को होता है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित होती है।
100 से अधिक मामलों में फर्जी गवाह बने एसपी कुशवाह
इस फर्जीवाड़े का एक बड़ा नाम त्यागी नगर निवासी एसपी कुशवाह हैं, जो अब तक 100 से अधिक मामलों में गवाह बनकर पेश हो चुके हैं। इसके अलावा, पुलिस के पास ऐसे कई अन्य गवाह भी हैं, जो पैसे के लिए झूठी गवाही देने को तैयार रहते हैं।
थानों में तय रहते हैं फिक्स गवाह, मोटी रकम की होती है डील
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, हर थाने में कुछ गवाह तय रहते हैं, जिन्हें विवेचक अपनी सुविधा के अनुसार गवाह बना लेता है। रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी और पीड़ित से मोटी रकम वसूली जाती है, जिसमें से 20% तक हिस्सा गवाह को दिया जाता है।
16 मामलों में जज के ड्राइवर को बनाया गवाह!
एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक जो सिर्फ अपनी स्कूटर पार्क करने थाने गया था, उसे भी गवाह बना दिया गया। इतना ही नहीं, ग्वालियर पुलिस ने एक जज के ड्राइवर को 16 मामलों में गवाह बना दिया।
IG का बयान – अब स्वतंत्र और स्थानीय गवाह जुटाने पर जोर
ग्वालियर जोन के आईजी अरविंद सक्सेना ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि गवाह कौन बने? क्योंकि आम लोग कोर्ट-कचहरी के चक्कर में नहीं फंसना चाहते। नई भारतीय न्याय संहिता के तहत अब हर मामले में रिकॉर्डिंग अनिवार्य कर दी गई है, जिससे इस तरह के मामलों पर नियंत्रण किया जा सकेगा।