वन बल प्रमुख ने निजी संस्थानों से वर्मी कम्पोस्ट खरीदने पर लगाई रोक

Forest Force Chief bans purchase of vermicompost from private institutions

  • हर साल खरीदे जाते हैं 50 से 60 करोड़ के वर्मी कंपोस्ट, मिट्टी और खाद


भोपाल। वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव ने वनमंडलों के डीएफओ द्वारा निजी संस्थानों से खरीदे जा रहे वर्मी कम्पोस्ट पर रोक लगा दी है। उन्होंने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिये हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि कैंपा फंड से हर वित्तीय वर्ष में 50-60 करोड़ रुपए की अकेले वर्मी कम्पोस्ट, मिट्टी और गोबर खाद की खरीदी निजी फर्मो से खरीदी जाती है। इस खरीदी में 12 से 15% राशि का बंदरबांट किया जाता है। किसी को रोकने के लिए पहली बार वन बल प्रमुख श्रीवास्तव ने यह कदम उठाया है।
श्रीवास्तव ने अपने निर्देश में कहा गया है कि कैम्पा मद के अंतर्गत वृक्षारोपणों में वर्मी कम्पोस्ट खाद के उपयोग एवं मिट्टी के क्रय के संबंध में निर्देश जारी किये गये थे। अन्य विभागीय योजनाओं में कुछ वनमंडलाधिकारियों द्वारा क्षेत्र तैयारी के अंतर्गत भारी मात्रा में खाद एवं मिट्टी बदलने का कार्य कराया जा रहा है। साथ ही वर्मी कम्पोस्ट, नीम खली का भी उपयोग किया जा रहा है। इसलिये अब कैम्पा मद के साथ-साथ विभाग की अन्य योजनाओं के अंतर्गत किये जाने वाले वृक्षारोपण हेतु अच्छी मृदा वाले क्षेत्रों का ही चयन किया जाये, जिससे कि गढ्ढों में मृदा परिर्वतन एवं गोबर खाद मिलाने पर होने वाले बड़े व्यय से बचा जा सके। पूरे वन मण्डल में उपजाऊ मृदा वाले वन क्षेत्र रोपण हेतु उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में ही अन्य क्षेत्र अंतिम विकल्प के रूप में लिया जाये। वन मण्डलाधिकारी स्वयं क्षेत्र का सघन भ्रमण कर यह प्रमाणित करेंगे कि चयनित वन क्षेत्र वृक्षारोपण हेतु उपयुक्त है एवं यह कि यहां खोदे जाने वाले गड्ढों में मिलाने के लिये गोबर खाद क्रय एवं उपजाऊ मिट्टी संग्रहण आवश्यक है। गढ्ढों की जितनी मात्रा में गोबर खाद एवं मिट्टी मिलाना आवश्यक है उसका उल्लेख वन मण्डलाधिकारी प्रमाण पत्र में करेंगे।


सीसीएफ से अनुमति होगी अनिवार्य


निर्देश में आगे कहा गया है कि यदि गोबर / मिट्टी का क्रय / संग्रहण करना अति आवश्यक हो तो गोबर / मिट्टी क्रय / संग्रहण करने के पूर्व वृत्त के वन सरंक्षक मुख्य वन सरंक्षक से लिखित स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य होगा तथा क्रय / संग्रहण पूर्व मुख्यालय को सूचित करना अनिवार्य होगा। अगर वन सरंक्षक / मुख्य वन संरक्षक के पूर्व स्वीकृति तथा मुख्यालय को सूचित किए बिना क्रय / संग्रहण किया जाता है तो यह अनियमितता के श्रेणी में आएगा तथा अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी। खाद एवं मिट्टी का संग्रहण मप्र भण्डार कय एवं सेवा उपार्जन नियम के प्रावधानों के अंतर्गत पूर्ण पारदर्शी प्रक्रिया अपनाकर किया जाये। यह भी विशेष रूप से निर्देशित किया गया है कि सामाजिक वानिकी वृत्तों में वर्मी कम्पोस्ट उपलब्ध हो तो सभी प्रकार के वृक्षारोपण लिए उन्हीं से वर्मी कम्पोस्ट प्राप्त किया जावे, निजी संस्थानों से वर्मी कम्पोस्ट का क्रय कदापि नहीं किया जावे।


हाजिरी देने पर मिलती मेंटेनेंस राशि


कुछ मैदानी अफसर की शिकायत है कि कैंपा फंड से जारी होने वाली मेंटेनेंस राशि तब तक नहीं मिलती, जब तक कि अधिकारी वन मुख्यालय में हाजिरी देने नहीं आते है। ऐसी शिकायत करने वाले अफसरों का कहना है कि सामाजिक वानिकी शाखा से समय पर मेंटेनेंस राशि जारी हो रही है। इसके लिए फील्ड में पदस्थ अनुसंधान एवं विस्तार के अधिकारियों को बड़े अधिकारियों की परिक्रमा किए बिना ही मेंटेनेंस राशि जारी की जा रही है।

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