स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को उनके अधिकारों से अवगत कराया जाए: स्कूल शिक्षा मंत्री

  • बाल अधिकारों पर मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने आयोजित की राज्य स्तरीय कार्यशाला
 School Education Minister

भोपाल। शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और महत्वपूर्ण है, उसी तरह बच्चों की सुरक्षा और उनका संरक्षण भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आवश्यक है कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को उनके अधिकारों से अवगत कराया जाए। यह बात स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कही। बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2005, किशोर न्याय अधिनियम-2012 एवं पॉक्सो अधिनियम-2015 की जागरूकता के लिए मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा राजधानी स्थित समन्वय भवन में बुधवार को राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में स्कूल शिक्षा तथा परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह, महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया और मप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष देवेन्द्र मोरे, आयोग के सदस्य ओंकार सिंह, डॉ. निशा श्रीवास्तव, मेघा पवार, अनुराग पाण्डेय, डॉ. निवेदिता शर्मा और सोनम निमामा सहित अन्य उपस्थित रहे। स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि इस संदर्भ में और बेहतर कार्य कैसे किया जा सकता है, इसके लिये स्कूल शिक्षा और महिला बाल विकास विभाग संयुक्त बैठक कर आगे की रणनीति बनाएगे।

हमारी कोशिश है कि जनजाति क्षेत्रों मे भी आंगनवाड़ी खोले जाएं:
मंत्री निर्मला भूरियामहिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि अब आदिवासी क्षेत्रों में भी ऐसी कार्यशालाएं आयोजित होंगी, जिससे उस क्षेत्र के बच्चे भी अपने अधिकारों को समझ सकेंगे। उन्होंने कहा कि शहरों में कई संस्थाएँ काम कर रही हैं, परंतु आदिवासी क्षेत्रों मे इसका अभाव है। संस्थाएँ ऐसे क्षेत्रों में भी जागरूकता के लिये काम करें। हमारी कोशिश है कि बच्चों और महिलाओं के उत्थान के लिये जनजाति क्षेत्रों मे भी आंगनवाड़ी खोले जाएं।आरटीई में 12वीं तक निःशुल्क शिक्षा करने का प्रस्ताव: कार्यशाला में म.प्र. बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष रविन्द्र मोरे ने सुझाव दिया कि प्रवासी मजदूर परिवारों के बच्चों को भी देश के हर प्रदेश में एक जैसी शिक्षा एवं मध्यान्ह भोजन प्राप्त कर सकें, इसके लिये वन नेशन वन ऐनरोल्मेंटपर कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने निःशुल्क एवं अनिवार्य बात शिक्षा अधिनियम मे कक्षा 8वीं तक निःशुल्क शिक्षा को बढ़ाकर कक्षा 12वीं तक करने का प्रस्ताव रखा।

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