Extraordinary dance and enthusiasm, the carnival took to the city streets.
उद्भव उत्सव के चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय नृत्य एवं संगीत समारोह का हुआ सतरंगी आगाज ।
27 दलों के 810 कलाकारों ने भव्य कॉर्निवाल में ब्लास्टर म्यूजिक पर दी अपनी रंगारंग प्रस्तुत।
संतोष सिंह तोमर
ग्वालियर। सतरंगी पारंपरिक परिधानों में सजे-धजे कलाकार, तेज चाल, धमाकेदार गीत-संगीत के साथ असाधारण नृत्य और बेजोड़ उत्साह का मिश्रण…. ऐसे ही जोश भरे अंदाज में सामूहिक रूप से निकल रहे देशी-विदेश के कलाकारों की एक झलक के लिए राह चलते लोग उन्हें अपलक निहारते रहे। पारंपरिक नृत्य और संगीत से सजा समृद्ध सांस्कृतिक नजारा देखने को मिला गुरुवार को शहर में निकाले गए कॉर्निवाल में।
किर्गिस्तान के राजदूत व विदेशी कलाकार हुए शामिल
उद्भव कल्चरल एंड स्पोर्ट्स एसोसिएशन के तत्वावधान में सिंधिया कन्या विद्यालय एवं ग्रीनवुड पब्लिक स्कूल के सहायोग से आयोजित किए जा रहे 18वें चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय नृत्य एवं संगीत समारोह “उद्भव उत्सव 2023“के शुभारंभ से पूर्व मोती पैलेस से यह कॉर्निवाल निकाला गया। कॉर्निवाल में किर्गिजस्तान, श्रीलंका, एस्टोनिया, मैसेडोनिया और मलेशिया सहित देश के विभिन्न प्रांतों से आएं दलों ने अपनी भागीदारी निभाई। इस दौरान किर्गिजस्तान के राजदूत ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया।
कार्निवाल में कलाकारों ने दी मोहक प्रस्तुतियां
कॉर्निवाल में चल रहे सभी दलों के कलाकारों ने एलआईसी तिराहे पर अपने-अपने देश और प्रदेश की कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले गीत और संगीत पर नृत्य प्रस्तुत किया। एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों ने लोगों का मन मोह लिया। एस्टोनिया के कलाकारों की प्रस्तुति रोमांचित करने वाली रही तो डीपीएस गुड़गाव और गंधर्व एकेडमी इंदौर के कलाकारों का अंदाज भी खास रहा। कॉर्निवाल मोती पैलेस से शुरू होकर बैजाताल और मोती महल से गुजरकर कार्यक्रम स्थल सिंधिया कन्या विद्यालय में पहुंचकर समाप्त हुआ।
भारत की संस्कृति समृद्ध और सुखद: ऑस्कर बैशीमॉव
किसी भी समाज व राष्ट्र की भव्यता और श्रेष्ठता उसकी संस्कृति और सभ्यता पर निर्भर करती है। भारत दुनिया में अपनी अलग पहचान रखता है और विश्व को नई दिशा प्रदान करता है। क्योंकि भारतीय संस्कृति और सभ्यता समृद्ध और सुखद है। समृद्ध संस्कृति ही देश को एकजुट रखती है। उद्भव संस्था देश-विदेश की कला के अनुकरणीय कार्यों, साहित्य, संगीत और नृत्य को सम्मान देने का काम कर रही है। जो अनुकरणीय और प्रशंसनीय है। भारत के पारंपरिक नृत्यों और संगीत की सुंदरता को उनके वास्तविक स्वरूप में प्रदर्शित किया गया है। किर्गिजस्तान के राजदूत ऑस्कर बैशीमॉव ने बतौर मुख्य अतिथि यह बात कही। अध्यक्षता सिंधिया कन्या विद्यालय की प्राचार्य निशी मिश्रा ने की। जबकि ग्रीनवुड पब्लिक स्कूल की डायरेक्टर किरण भदौरिया, एलआईसी के एसडीएम खलील अहमद व डिवीजनल मैनेजर स्वदेश कुमार पाण्डेय विशिष्ट अतिथि थे। संस्था के अध्यक्ष डॉ. केशव पाण्डेय और सचिव दीपक तोमर ने संस्था की गतिविधियों से अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन ब्रज किशोर दीक्षित व यशस्वी शर्मा ने तथा आभार व्यक्त चंद्र प्रकाश शर्मा ने किया। इस मौके पर आलोक द्विवेदी व प्रवीण शर्मा प्रमुख रूप से मौजूद थे। अतिथियों ने शांति के प्रतीक गुब्बारे छुड़वाकर उत्सव का शुभारंभ किया। इस दौरान कलाकारों ने नृत्य प्रस्तुत कर समा बांध दिया।कार्यक्रम में मनोज अग्रवाल, सुरेंद्र पाल सिंह कुशवाहा, रामचरण चिडार, अमरसिंह परिहार,राजेन्द्र मुदगल,अक्षत तोमर, मोनू राणा, शरद यादव, शाहिद खान, मनीषा जैन, साहिल खान, शरद शास्वत,मिताली तोमर और सुरेश वर्मा का विशेष योगदान रहा।
आज के कार्यक्रम
उद्भव उत्सव के दूसरे दिन 27 अक्टूबर शुक्रवार को प्रातः 10 बजे से सिंधिया कन्या विद्यालय के सभागार में समूह नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।