

Tensions rise as Boda residents confront authorities over liquor shop reopening after protests.
After half an hour of debate, the liquor shop reopened! Public anger over the administration’s stance.
Special Correspondent, Rajgarh, MP Samwad.
After protests, the liquor shop in Boda was sealed but reopened after a 30-minute debate. Residents opposed its location near a temple and hospital, citing safety concerns. The administration first acted but later reversed its decision, sparking public outrage and raising questions about governance.
MP राजगढ़ जिले के बोड़ा कस्बे में शनिवार को शांति समिति की बैठक में लिए गए फैसले के बाद मां शीतला माता लीकर ग्रुप कंपोजिट देशी और अंग्रेजी शराब दुकान को शाम 7 बजे सील कर दिया गया। यह कार्रवाई जनप्रतिनिधियों और रहवासियों की मांग पर की गई। हालांकि, रात 8:30 बजे नरसिंहगढ़ से पहुंची आबकारी सब-इंस्पेक्टर ने आधे घंटे की बहस के बाद दुकान को दोबारा खुलवा दिया।
शनिवार शाम थाना परिसर में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें नायब तहसीलदार सुनीता सिंह, थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार शर्मा, पूर्व विधायक धूल सिंह यादव, भाजपा मंडल अध्यक्ष सरजन सिंह राजपूत सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक में रहवासियों और जनप्रतिनिधियों ने कस्बे के मंदिर और अस्पताल के पास स्थित शराब दुकान को हटाने की मांग की।
मोहल्ले के नागरिकों, जिनमें मुकेश यादव, रुक्मिणी बाई, लखन राठौर, बालू राठौर, घनश्याम राठौर, आशा बाई आदि शामिल थे, ने अधिकारियों को बताया कि शराब दुकान के कारण क्षेत्र में असामाजिक गतिविधियां बढ़ रही हैं और यह स्थान महिलाओं व छात्रों के लिए असुरक्षित हो गया है।
रहवासियों का कहना था कि शराब दुकान के पास भीड़ बनी रहती है, जिससे यातायात बाधित होता है। आए दिन नशे में लोग हंगामा करते हैं, जिससे रहवासियों को परेशानी होती है। महिलाओं और बच्चों को घर से बाहर निकलने में असुरक्षा महसूस होती है। लोगों ने मांग की कि शराब दुकान को अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाए, ताकि आमजन को राहत मिले।
शिकायतों के बाद नायब तहसीलदार सुनीता सिंह और थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार शर्मा शाम 7 बजे मौके पर पहुंचे और दुकान को सील कर दिया। हालांकि, बाद में नरसिंहगढ़ आबकारी अधिकारी पूजा, नायब तहसीलदार सुनीता सिंह, राजस्व अधिकारी हजारी लाल वर्मा और थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने रहवासियों और जनप्रतिनिधियों को समझाइश दी। इसके बाद रात 8:30 बजे दुकान दोबारा खोल दी गई और शराब की बिक्री शुरू हो गई।
आबकारी अधिकारी और सब-इंस्पेक्टर पूजा ने बताया कि कस्बे में शराब दुकान नियमानुसार स्थापित है और इसे बिना कलेक्टर के आदेश के बंद नहीं किया जा सकता। ठेका 31 मार्च 2025 तक वैध है, जिसके बाद यदि लाइसेंसी और रहवासी चाहेंगे, तो इसे किसी अनापत्ति रहित क्षेत्र में स्थानांतरित किया जा सकता है।
अब 1 अप्रैल के बाद, यदि रहवासी और ठेकेदार सहमत होते हैं, तो शराब दुकान को नए स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा। तब तक यह अपनी पूर्व निर्धारित जगह पर चालू रहेगी। बोड़ा में शराब दुकान को लेकर रहवासियों में असंतोष बना हुआ है। प्रशासन ने पहले दुकान को सील किया, लेकिन बाद में नियमों का हवाला देकर फिर से खोल दिया।