इस देश अबॉर्शन बिल पास हो गया तो बलात्कार के मामले में भी गर्भपात को हत्या के बराबर ही माना जाएगा

रियो डी जेनेरियो
 ब्राजील में हजारों लोगों ने  कांग्रेस में बहस के लिए पेश किए गए गर्भपात से जुड़े विधेयक के खिलाफ जोरदार रैली की. यदि यह बिल पास हो गया तो बलात्कार के मामले में भी गर्भपात यानी अबॉर्शन को हत्या के बराबर ही माना जाएगा. तमाम लोग इसका विरोध कर रहे हैं. रियो डी जनेरियो में प्रदर्शनकारियों ने मोमबत्तियां जलाईं और नारे लगाए- एक लड़की मां नहीं होती (A girl is not a mother)

हजारों ब्राजीलियाई लोगों ने इस विधेयक के खिलाफ रैली की क्योंकि यदि यह पास हो गया तो 22 सप्ताह के बाद गर्भावस्था को समाप्त करने यानी अबॉर्शन के लिए 20 साल तक की सजा हो सकती है. यह बात रेप के मामलों में भी लागू होती है. यानी रेप के कारण गर्भवती महिला पर भी लागू होती है. वैसे फिलहाल ब्राजीलियाई कानून बलात्कार के मामलों में गर्भपात को दंडित नहीं करता है या पीड़ित कब गर्भपात करवा सकती है, इस पर कोई सीमा फिलहाल नहीं है. जब महिला की जान खतरे में हो या भ्रूण के मस्तिष्क में कोई असामान्यता हो तो गर्भपात भी कानूनी है. इन अपवादों के अलावा गर्भपात कराने पर चार साल तक की जेल की सजा हो सकती है. दरअसल इसका विरोध इसलिए भी हो रहा है क्योंकि कई बार युवा रेप विक्टिमों को शुरू में यह पता ही नहीं चलता है कि वे गर्भवती हो गई हैं. कई बार वे इस बारे में बात करने की हिम्मत जुटाने में भी नाकाम रहते हैं और इस कारण देरी होती चली जाती है.

कांग्रेस के वे सांसद जो शक्तिशाली रूढ़िवादी हैं, ने इस पर चर्चा करनी भी वाजिब नहीं समझी और इसे बुधवार को बिल को सीधे चैंबर ऑफ डेप्युटीज में भेज दिया. इसके बाद प्रगतिशील समूहों ने नाराजगी जताई. चैंबर ऑफ डेप्युटीज में मतदान के लिए अभी तक कोई तारीख फिक्स नहीं की है.

बच्ची को रेप के कारण मां बनने पर विवश क्यों करना…

सामाजिक कार्यकर्ता विवियन निगरी ने सांसदों पर ‘भ्रूण के अधिकार’ की कीमत पर ‘बच्चे के अधिकारों’ की रक्षा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा- किसी बच्ची को बलात्कार के चलते गर्भधारण करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.

विधेयक पास हुआ तो क्या है कानून में…

एक खास प्रभावशाली ग्रुप इस बिल को पुश कर रहा है. वह गर्भावस्था के 22 सप्ताह के बाद किए जाने वाले किसी भी गर्भपात को होमीसाइड यानी मानव वध के रूप में परिभाषित करता है. यदि 22वें सप्ताह के बाद गर्भपात करवाया जाता है तो नए कानून में छह से 20 साल की सजा का प्रावधान है, जो बलात्कारी की सजा से दोगुनी है.

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