गेंदबाज अर्शदीप सिंह निचले क्रम का विश्वसनीय बल्लेबाज बनना चाहते हैं

न्यूयॉर्क

 भारतीय तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह इन दिनों अपनी गेंदबाजी से कहर बरपा रहे हैं लेकिन वह इतने से ही संतुष्ट नहीं हैं और निचले क्रम का विश्वसनीय बल्लेबाज बनना चाहते हैं जिसके लिए बल्लेबाजी को विक्रम राठौर के साथ कड़ी मेहनत भी कर रहे हैं।

अर्शदीप ने अमेरिका के खिलाफ टी20 विश्व कप के मैच में 9 रन देकर चार विकेट लिए और भारत की सात विकेट से जीत में अहम भूमिका निभाई। भारत की यह लगातार तीसरी जीत है जिससे उसने अंतिम आठ में अपनी जगह सुरक्षित की।

अर्शदीप ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा,‘‘हम हमेशा कुछ नया सीखने का प्रयास करते हैं। हम सभी विभागों फिर चाहे वह गेंदबाजी हो या बल्लेबाजी या फिर क्षेत्ररक्षण, में बेहतर बनने का प्रयास करते हैं क्योंकि आप नहीं जानते कि टीम को कब आपसे कुछ रन की जरूरत पड़ जाए।’’

उन्होंने कहा,‘‘यह दो या चार रन भी हो सकते हैं। इसलिए आपको अपना सर्वश्रेष्ठ देना होता है। जहां तक मेरी बल्लेबाजी का सवाल है तो मैं विक्रम भाई के साथ जितना संभव हो कड़ी मेहनत करने की कोशिश करता हूं।’’

अर्शदीप ने पाकिस्तान के खिलाफ 9 जून को नौवें नंबर के बल्लेबाज के रूप में उतरकर 13 गेंद पर नौ रन की उपयोगी पारी खेली थी। बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने कहा कि उस मैच में उन्होंने ही जसप्रीत बुमराह से पहले बल्लेबाजी के लिए उतारने का आग्रह किया था।

उन्होंने कहा,‘‘जस्सी भाई को मुझसे पहले बल्लेबाजी के लिए उतरना था लेकिन मैं रोहित (शर्मा) से पूछकर पहले गया। वह इससे हैरान थे लेकिन मैंने उनसे कहा कि आप कुछ भी कहो मैं पहले बल्लेबाजी के लिए जाऊंगा। मुझे अपनी बल्लेबाजी पर पूरा विश्वास है। फिर चाहे फील्डिंग हो या गेंदबाजी आप बेहतर बनने की कोशिश करते हैं।’’

अर्शदीप ने टूर्नामेंट के बारे में कहा कि परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाना सफलता के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। भारत को ग्रुप ए का अपना अंतिम मैच कनाडा के खिलाफ फ्लोरिडा के लाडरहिल में खेलना है। इसके बाद टीम सुपर 8 के मैच खेलने के लिए वेस्टइंडीज जाएगी।

अर्शदीप ने कहा,‘‘सबसे महत्वपूर्ण यह कि आप परिस्थितियों से कैसे तालमेल बिठाते हैं। अगर विकेट से गेंदबाजों को मदद मिल रही हो तो हम शुरू में विकेट लेने की कोशिश करते हैं और अगर हम पहले बल्लेबाजी करते हैं तो अधिक से अधिक रन बनाने का प्रयास करते हैं ताकि गेंदबाजों को बड़े लक्ष्य का बचाव करने को मिले।’’

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