कांग्रेस के युवा चेहरों का विकल्प कौन, भाजपा के युवा चेहरे या बुजुर्ग नेतृत्व।

कांग्रेस हो या भाजपा, अमरपाटन, नागौद एवं रैगांव विधानसभा सीटों पर युवाओं के ही दम से जीत सम्भव है।इन सीटों पर भाजपा, कांग्रेस पार्टी की तरह अपने युवा चेहरों को मौका देगी या बुजुर्गों पर फिर से दांव लगाएगी।

संतोष सिंह तोमर,

भोपाल /सतना।मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर आज देर रात कांग्रेस पार्टी ने शेष बचे 88 विधानसभा क्षेत्रों के लिए चुनाव प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करते हुए प्रदेश की सभी 230 सीटों पर अपनी स्थिति साफ कर दी। लेकिन भारतीय जनता पार्टी की ओर से अभी तक शेष बचे विधानसभा क्षेत्रों के लिए नाम सामने नहीं आ पाए हैं। सभी भाजपा की अगली सूची का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

कांग्रेस का महिला एवं युवा चेहरों पर फोकस।

कांग्रेस पार्टी ने इस बार महिला एवं युवा चेहरों पर ज्यादा फोकस कर रखा है। इसीलिए पार्टी ने इस बार अधिकतर युवा चेहरों और महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा है। जिसके पीछे पार्टी की मंशा अगली पीढ़ी को तैयार करने की भी दिखाई दे रही है। इसी क्रम में विंध्य क्षेत्र के सतना जिले में कांग्रेस पार्टी ने नागौद विधानसभा क्षेत्र से यूथ कांग्रेस की प्रदेशउपाध्यक्ष डॉ. रश्मी पटैल को मैदान में उतारा है, जबकि चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के वर्तमान विधायक एवं युवा नेता नीलांशु चतुर्वेदी को प्रत्याशी बनाया है। इसके साथ ही रेगांव विधानसभा क्षेत्र से 2020 के उपचुनाव में विजयी रहीं वर्तमान विधायक कल्पना वर्मा को पुनः चुनाव प्रत्याशी घोषित किया है।

भाजपा को युवा नेतृत्व की दरकार है।

भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक विंध्य क्षेत्र के सतना जिले की सात में से चार विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए है। जबकि तीन मुख्य सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा होना बांकी है। भाजपा की ओर से अभी तक घोषित चार नामों में से केवल एक रामपुर बाघेलान सीट पर युवा चेहरे के रूप में विक्रम सिंह ( विक्की ) को चुनाव मैदान में उतारा है। युवा नेता विक्रम सिंह की क्षेत्र के युवा वर्ग में बहुत अच्छी पकड़ बताई जाती है। अब बात करते हैं, बांकी बचे उन तीन विधानसभा क्षेत्रों की जहां भाजपा की ओर अभी तक प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं हो सकी है। इसमें से अमरपाटन विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां से भाजपा के वर्तमान विधायक व मध्य प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री रामखेलावन पटैल को पार्टी फिर से चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। मंत्री रामखेलावन का नाम उन पर लगते रहे आरोपों के चलते हमेशा सुर्खियों में रहा है। मंत्री जी पर कभी जातिवादी, अभद्रता तो कभी कार्यकर्ताओं की अनदेखी के आरोपों के चलते क्षेत्रीय लोगों में छवी धूमिल हुई है। जिसका नुकसान इस सीट पर भाजपा को भुगतना पड़ सकता है। जबकि नागौद विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के वर्तमान विधायक व पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह का नाम भाजपा की अगली प्रत्याशी सूची में घोषित हो सकता है। लोगों की मानें तो नागेंद्र सिंह की उम्र करीब 83 वर्ष है, और वृध्दावस्था के चलते विधायक नागेंद्र सिंह अपने क्षेत्र में पहले की तरह सक्रीय नहीं रहते हैं। जिसके कारण क्षेत्र में उनकी पकड़ भी कमजोर हो रही है, जिसका फायदा यहां कांग्रेस उठाती दिख रही है। इसके बाद बात करते हैं बांकी बची रेगांव विधानसभा की जहां से कई युवा महिलाओं व युवा नेताओं ने अपनी दाबेदारी पार्टी नेतृत्व के सामने पेश की है। यहां से प्रतिमा बागरी, रानी बागरी और पुष्पराज बागरी के नाम को पैनल में शामिल किया गया है।

युवा चेहरों का विकल्प युवा ही हो सकते हैं

विंध्य क्षेत्र की इन सभी सीटों पर जिस तरह कांग्रेस ने महिला एवं युवा चेहरों पर भरोसा जताया है ठीक उसी तरह भाजपा को भी अब बुजुर्ग और आरोप प्रत्यारोपों से घिरे नेताओं की जगह युवाओं को आगे लाकर अगली पीढ़ी का नेतृत्व तैयार करने की कोशिश करना चाहिए। क्योंकि कांग्रेस के युवा चेहरों का विकल्प भाजपा का युवा नेतृत्व ही बन सकता है। क्योंकि कांग्रेस अपने युवा चेहरों को मैदान में उतारकर चुनांव मैदान में आ गई है। अब भाजपा के अधिकांश कार्यकर्ताओं के साथ ही युवा वर्ग और नव मतदाताओं की नजर केवल अपने युवा चेहरों पर टिकी है,भाजपा भी अगर नए वा युवा चेहरों को अवसर देगी तो परिणाम भाजपा के पक्ष में आने के ज्यादा अवसर होंगे। जिससे आने बाले समय मे भाजपा और अधिक शशक्तता व मजबूती मिलेगी,साथ ही युवाओं में एक नई उम्मीद दिखेगी। युवा चेहरों के दम ही अब नैया पर हो सकती है, क्योंकि लोगों को बुजुर्ग या विवादित छवि वाले नेताओं की अपेक्षा अत्यधिक ऊर्जावान युवा चेहरों पर ज्यादा भरोसा है।

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