मानसरोवर तालाब बना विवाद का केंद्र – श्रद्धालु परेशान, नगरवासी आक्रोशित.


Manasarovar Pond Becomes Center of Controversy – Devotees Troubled, Locals Outraged.
Sitaram Kushwaha, Special Correspondent, Vidisha, MP Samwad.
In Gyarsapur, devotees gathered at the historic Manasarovar pond during Pitru Paksha rituals, offering prayers and tarpan. However, locals raised concern over water pollution caused by water chestnut cultivation, damaging the heritage site. Citizens demanded urgent cleaning, conservation, and strict action to preserve the religious and historical significance of the pond.
MP संवाद, ग्यारसपुर में पितृपक्ष के प्रारंभ होते ही ऐतिहासिक मानसरोवर तालाब पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। तालाब के पावन तट पर नगरवासियों ने स्नान कर भगवान सूर्य नारायण को जल अर्पित किया और अपने पितरों का तर्पण किया।
वैदिक विधि-विधान से हुआ तर्पण
पूरे मंत्रोच्चारण और विधि-विधान के साथ प्रतिष्ठित वेदपाठी ब्राह्मण शुभम शर्मा ने श्रद्धालुओं से तर्पण कराया। पितृपक्ष का शुभारंभ इस वर्ष पूर्णिमा से हुआ है, जो आश्विन अमावस्या तक चलेगा।
धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व
वरिष्ठ समाजसेवी भगवान सिंह कुशवाह ने बताया कि मानसरोवर तालाब का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व सदियों से बना हुआ है। तालाब के किनारे राम-जानकी मंदिर, कमलेश्वर महादेव मंदिर, हनुमान मंदिर और बांके बिहारी मंदिर स्थित हैं। मान्यता है कि यहां स्नान और तर्पण करने से श्रद्धालुओं को गया जी के समान पुण्यफल की प्राप्ति होती है।
सिंघाड़े की खेती से धरोहर को नुकसान
स्थानीय नागरिकों ने गंभीर चिंता जताई कि यह तालाब पुरातत्व विभाग की धरोहर है और सार्वजनिक स्थल है, लेकिन कुछ लोगों द्वारा तालाब में सिंघाड़े की खेती की जा रही है। इससे न केवल पानी गंदा हो रहा है बल्कि धरोहर भी क्षतिग्रस्त हो रही है।
नगरवासियों की मांग
नगरवासियों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि तालाब की तुरंत सफाई, संरक्षण और सिंघाड़े की खेती पर रोक लगाई जाए।
प्रशासन ने उठाए कदम
ग्राम सचिव नरसिंह दास बैरागी ने बताया कि ग्राम पंचायत द्वारा तहसीलदार और थाना प्रभारी को आवेदन देकर सिंघाड़े की पौध हटाने का अनुरोध किया गया है। साथ ही अतिक्रमण करने वालों को नोटिस भी जारी किया गया है।